लंदन. हमारे शरीर के किसी अंग से दूसरे को लाभ पहुंचे, यह मानते हुए ज्यादातर लोग अंगदान करते हैं। उनके घरवाले भी बाद में समझते हैं कि किसी का तो भला हुआ। ब्रिटेन जैसे अत्याधुनिक तकनीक वाले देश में एक-दो नहीं करीब 8 लाख लोगों का अंगदान लगभग बेकार हो गया।
महज कम्प्यूटर की गलती से। सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के निष्कर्ष के अनुसार, खराब सॉफ्टवेयर की वजह से करीब 8 लाख लोगों के अंगदान के आवेदन में गलत अंग दर्ज हो गया। यह गलती एक-दो दिन या महीने नहीं बल्कि पूरे 10 साल तक किसी की पकड़ में नहीं आई। लोगों ने जिस अंग को दान करने की इच्छा जताई, वह कम्प्यूटर में गलत दर्ज हुआ। करीब 25 शवों में से गलत अंग निकाले जा चुके हैं।
कैसे हुआ
लोगों ने ड्राइवर एंड व्हीकल लाइसेंसिंग एजेंसी से लाइसेंस लेते समय आवेदन पत्र में अंगदान संबंधी कॉलम में अपनी इच्छाएं दर्ज की थीं। 1999 में यूके ट्रांसप्लांट ने इनमें से अंगदान संबंधी सूचनाएं ली थीं, लेकिन कम्प्यूटर में दर्ज करने को खराब सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया
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