Saturday, April 3, 2010

इंटरनेट तक पहुंच को मिले मौलिक अधिकार का दर्जा

bhaskarलंदन. इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर अब दुनिया भर में इस तक पहुंच को मौलिक अधिकार बनाने की मांग जोरदार ढंग से उठने लगी है। बीबीसी वल्र्ड सर्विस के लिए ग्लोब स्कैन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से यह नतीजा सामने आया है। यह सर्वेक्षण भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको और नाइजीरिया सहित 26 देशों में हुआ। इसमें 27,000 लोगों ने भाग लिया था।



सर्वेक्षण में 87 फीसदी लोगों ने नेट तक पहुंच को मौलिक अधिकार का दर्जा देने की मांग का समर्थन किया है। इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) के महासचिव डॉ. एच टूरे का मानना है कि अभिव्यक्ति के अधिकार की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। इंटरनेट ज्ञानवर्धन का अब तक का सबसे प्रभावी साधन है। हम एक ज्ञानवान समाज का हिस्सा हैं और सबको नेट तक पहुंच सुलभ होनी चाहिए।



सर्वेक्षण में शामिल ज्यादातर लोगों का मानना है कि नेट ने उन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। पांच में से चार लोगों का मानना है कि इसने उन्हें आजादी दी है। उल्लेखनीय बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने भी वैश्विक स्तर पर नेट तक पहुंच बनाने की वकालत की है।

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